परिचय:
भारत में भूमि रजिस्ट्री प्रक्रिया में 1 सितंबर 2025 से महत्वपूर्ण बदलाव होने जा रहे हैं। केंद्र सरकार ने ‘रजिस्ट्रेशन बिल 2025’ का मसौदा प्रस्तुत किया है, जिसका उद्देश्य भूमि रजिस्ट्री को डिजिटल, पारदर्शी, और नागरिक केंद्रित बनाना है। यह नया बिल 117 साल पुराने रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 को प्रतिस्थापित करेगा।
–
📌Land Registry New Rule 2025 नए नियमों की प्रमुख विशेषताएँ:
“UIDAI’s New Aadhaar Rules 2025-26, ”आधार के नए नियम 2025 26 में क्या बदलेगा?”
1. ऑनलाइन रजिस्ट्रीकरण की सुविधा;
नए नियमों के तहत, अब संपत्ति दस्तावेज़ों को ऑनलाइन प्रस्तुत और पंजीकरण किया जा सकेगा। इससे नागरिकों को रजिस्ट्रेशन कार्यालयों में जाने की आवश्यकता नहीं होगी। यह प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल होगी, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक पंजीकरण प्रमाणपत्र और दस्तावेज़ों का डिजिटल रखरखाव शामिल है।
2. आधार आधारित सत्यापन:
पंजीकरण प्रक्रिया में आधार आधारित सत्यापन अनिवार्य किया जाएगा, जिससे पहचान की पुष्टि आसान और सुरक्षित होगी। हालांकि, वैकल्पिक सत्यापन विधियों का भी प्रावधान होगा, विशेषकर उन व्यक्तियों के लिए जिनके पास आधार नहीं है।
3. अधिक दस्तावेज़ों का अनिवार्य पंजीकरण:
अब बिक्री समझौते, पावर ऑफ अटॉर्नी, न्यायालय द्वारा जारी किए गए आदेश, और अन्य संबंधित दस्तावेज़ों का पंजीकरण अनिवार्य होगा। इससे संपत्ति विवादों में कमी आएगी और लेन-देन की पारदर्शिता बढ़ेगी।
4. ई-स्टांपिंग और शुल्क भुगतान :
स्टांप ड्यूटी का भुगतान अब ऑनलाइन माध्यम से किया जा सकेगा, जिससे प्रक्रिया तेज़ और सुविधाजनक होगी। ई-स्टांपिंग के माध्यम से शुल्क का भुगतान किया जाएगा, जिससे कागजी कार्यवाही में कमी आएगी।
5. न्यायिक और प्रशासनिक सुधार :
रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में पारदर्शिता और न्यायिकता सुनिश्चित करने के लिए नए दिशा-निर्देश और निगरानी तंत्र स्थापित किए जाएंगे। इससे भ्रष्टाचार में कमी आएगी और नागरिकों को बेहतर सेवा मिलेगी।
—
✅Land Registry New Rule 2025 राजस्थान में लागूता और तैयारी:
राजस्थान सरकार ने भी भूमि रजिस्ट्री प्रक्रिया को डिजिटल बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। राज्य में भूमि रिकॉर्ड्स का डिजिटलीकरण और ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया पहले से चल रही है। 1 सितंबर 2025 से केंद्र सरकार के नए नियमों के लागू होने के बाद, राजस्थान में भी इन नियमों को लागू किया जाएगा, जिससे नागरिकों को और अधिक सुविधाएं मिलेंगी।
💡 आपके लिए सुझाव:
ऑनलाइन पंजीकरण पोर्टल पर पंजीकरण करें: राजस्थान में e-District Portal या e-Mitra Portal के माध्यम से भूमि रजिस्ट्री के लिए आवेदन करें।
न्यूनतम दस्तावेज़ तैयार रखें: पहचान पत्र, पते का प्रमाण, और संबंधित संपत्ति के दस्तावेज़ों की डिजिटल प्रति तैयार रखें।
न्यायिक सलाह लें: यदि संपत्ति से संबंधित कोई विवाद या जटिलता हो, तो कानूनी सलाह लेना उचित होगा।
🔚 निष्कर्ष :
1 सितंबर 2025 से लागू होने वाले नए भूमि रजिस्ट्री नियम नागरिकों के लिए कई फायदे लेकर आएंगे। अब रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल होगी, जिससे समय, मेहनत और लागत दोनों में कमी आएगी। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, ई-स्टांपिंग, आधार आधारित सत्यापन और अधिक दस्तावेज़ों का पंजीकरण संपत्ति लेन-देन को पारदर्शी और सुरक्षित बनाएगा।
राजस्थान सहित पूरे देश में इन बदलावों से संपत्ति विवाद कम होंगे और नागरिकों को तेज़, आसान और भरोसेमंद सेवा मिलेगी। इस नए नियम के लागू होने के बाद यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि सभी दस्तावेज़ तैयार हों और ऑनलाइन पोर्टल का सही तरीके से उपयोग किया जाए।
सारांश में कहा जा सकता है कि यह बदलाव भारत में भूमि रजिस्ट्री प्रणाली को आधुनिक, डिजिटल और सस्ती बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। नागरिकों को चाहिए कि वे इन नई सुविधाओं का लाभ उठाएं और अपने संपत्ति लेन-देन को सुरक्षित और पारदर्शी बनाएं।
