नए कानून का उद्देश्य (Online Gaming Bill, 2025)
संसद ने 20–21 अगस्त 2025 को “Promotion and Regulation of Online Gaming Bill, 2025” को पारित किया। इस कानून का प्रमुख उद्देश्य ऑनलाइन मनी गेम्स—तथा उनमें पैसों का लेन-देन—को पूरी तरह प्रतिबंधित करना है, चाहे वह स्किल पर आधारित हो या चांस पर। साथ ही अपेक्षित है कि बैंक तथा भुगतान गेटवे इन लेन-देन को प्रोसेस नहीं करेंगे। (संपर्क: लोकसभा, राज्यसभा दोनों से पास, राष्ट्रपति की मंजूरी मिल चुकी है)
दूसरी ओर, ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेम्स को बढ़ावा देना इसका एक और प्रमुख लक्ष्य है।
सख्त दंडात्मक प्रावधान
इस कानून के अंतर्गत, ऑनलाइन मनी गेम्स प्रदान करने वालों को 3 साल तक जेल या ₹1 करोड़ तक जुर्माने की सजा हो सकती है। साथ ही, ऐसे गेम्स का विज्ञापन करने वालों को 2 साल तक की जेल या ₹50 लाख तक का जुर्माना होना प्रस्तावित है। नियमों का बार-बार उल्लंघन करने पर दंड और अधिक बढ़ाया जाएगा।
विनियामक तंत्र और निगरानी
सरकार एक नियामक प्राधिकरण (Online Gaming Authority) बनाने की तैयारी में है, जो गेमिंग प्लेटफॉर्म्स की निगरानी, नियमों का निर्माण, अवैध सामग्री पर कार्रवाई, और भुगतान प्रणालियों को रोकने जैसे कदम उठाएगा।
सरकारी तर्क और समाज पर प्रभाव
आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कानून को “सामाजिक सुरक्षा” और “जन-स्वास्थ्य” की दृष्टि से ज़रूरी बताया है। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन मनी गेमिंग ड्रग्स से भी बड़ा सामाजिक संकट बन गया है, जिसमें लगभग 45 करोड़ लोग हर साल ₹20,000 करोड़ तक का नुकसान उठा रहे हैं, कुछ मामलों में इससे आत्महत्या तक हो रही हैं। इसके अलावा, ये प्लेटफॉर्म वित्तीय धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग आतंक वित्त पोषण में भी इस्तेमाल हो रहे थे।
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आईटी मंत्री और इंडस्ट्री की बैठक – क्या हुआ?
बैठक में सरकार ने कहा कि यह कानून सामाजिक सुरक्षा को ध्यान में रखकर लाया गया है।
उद्योग ने अपनी चिंताएं रखीं – जैसे रोजगार का नुकसान, निवेश पर असर और स्टार्टअप इकोसिस्टम को खतरा।
मंत्री ने संकेत दिए कि नियमों को लागू करने में लचीलापन रखा जाएगा और आवश्यक संशोधन (Amendments) संभव हैं।
सरकारी पक्ष
आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा –
ऑनलाइन मनी गेमिंग एक बड़ा सामाजिक संकट बन गया है।
हर साल लगभग 45 करोड़ लोग ₹20,000 करोड़ का नुकसान उठाते हैं।
कई मामलों में वित्तीय तनाव के कारण आत्महत्या जैसी घटनाएँ भी हुईं।
यह कानून समाज को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी था।
उद्योग का दृष्टिकोण
उद्योग प्रतिनिधियों ने कहा कि इससे लगभग 2 लाख नौकरियाँ प्रभावित हो सकती हैं।
करीब 400 कंपनियाँ बंद होने की आशंका है।
नवप्रवर्तन और विदेशी निवेश पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है।
संभावित असर
1. सकारात्मक प्रभाव
1. अवैध ऑनलाइन गेम्स से होने वाली धोखाधड़ी पर रोक लगेगी।
2. मानसिक स्वास्थ्य और वित्तीय सुरक्षा में सुधार होगा।
3. ई-स्पोर्ट्स और स्किल बेस्ड गेमिंग को प्रोत्साहन मिलेगा।
2. नकारात्मक प्रभाव
Starting और छोटे Gaming Rule आर्थिक बोझ।
रोजगार और निवेश में गिरावट।
अंतरराष्ट्रीय गेमिंग कंपनियों के लिए भारत का आकर्षण कम होना।
निष्कर्ष
Online gaming Rule 2025 भारत के डिजिटल गेमिंग सेक्टर के लिए एक बड़ा मोड़ साबित होगा। यह कानून जहां एक ओर समाज को वित्तीय और मानसिक नुकसान से बचाने का प्रयास है, वहीं उद्योग के लिए चुनौतियां भी लेकर आया है। आईटी मंत्री और गेमिंग इंडस्ट्री की मुलाकात ने यह संकेत दिया है कि सरकार संवाद के लिए तैयार है और भविष्य में नियमों में लचीलापन संभव है।
