The person with super power is present on earth

पृथ्वी पर सच में मौजूद हैं सुपर पावर वाले व्यक्ति!

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हर इंसान अपने आप में सबसे यूनिक होता है. भगवान ने 7.6 अरब की जनसंख्या वाली पृथ्वी पर हर व्यक्ति को अलग चेहरा और बॉडी फीचर्स दिए हैं | कई लोग खुद को दूसरों से अलग बनाने के लिए मेडिकल साइंस और टेक्नोलॉजी की मदद से अपने शरीर की फीचर्स में आर्टिफिशियल बदलाव करवाते हैं. लेकिन कुछ लोगों में स्पेशल बॉडी फीचर्स बचपन से ही मौजूद होते हैं|  बहुत दूर का दिखाई और सुनाई देने वाला, दोनों आंखों का रंग अलग अलग होने के साथ-साथ लोहे जैसी मजबूत हड्डियां, और हर तरह की चीज को पचा लेने जैसे कई विचित्र बॉडी फीचर्स कुछ लोग में देखे गए हैं |

ऐसे लोग लाखों में एक होते हैं. और जेनेटिक म्यूटेशन की वजह से स्पेशल बॉडी फीचर्स इन जन्म के साथ ही मिलते हैं अफ्रीका में रहने वाले विंस्टन के पास एक ऐसी एबिलिटी है की वह किसी और की तरह अपने पेट में जितना चाहे पानी स्टोर करके रख सकते हैं और जरूरत पड़ने पर कभी भी उस पानी को मुंह के जरिए निकालकर दोबारा इस्तेमाल कर सकते हैं | दुनिया में ऐसे भी कई लोग हैं जिनमें कभी भी बीमार ना होने की एबिलिटी है यानी कि इन लोगों को किसी भी तरह की बीमारी नहीं लगती | साइंटिस्ट ऐसे लोगों पर कई सालों से रिसर्च कर रहे हैं और उनकी इस तरीके की म्यूटेशन को बढ़ाने की कोशिश भी जारी है. आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ खास बड़ी फीचर्स के बारे में जो कि बहुत दुर्लभ होते हैं और दुनिया में केवल कुछ ही लोगों में पाए जाते हैं |

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1.गोल्डन ब्लड

आज तक हमने जो ब्लड सुनना है वह है.. A, B और O | गोल्डन ब्लड एक ऐसा ब्लड टाइप है जो बहुत ही दुर्लभ ब्लड ग्रुप है. इसकी खोज सन 1961 में हुई थी और उस समय डॉक्टर और साइंटिस्ट को कुछ समझ नहीं आया था कि यह कैसा खून है ? लंबे समय की जांच के बाद उन्हें पता चला कि ऐसे ब्लड में ‘एंटीजन’ नहीं होते हैं यानी कि इस तरह का खून ना तो नेगेटिव होता है और ना ही पॉजिटिव| यही वजह है कि यह खून इतना दुर्लभ है की अब तक पूरी दुनिया में केवल 40 लोगों में ही इस तरह का खून पाया गया है. इतना दुर्लभ होने की वजह से इसका नाम “गोल्डन ब्लड” दिया गया | जिन लोगों के शरीर में गोल्डन ब्लड होता है वह दूसरे किसी भी ब्लड ग्रुप के व्यक्ति को अपना रक्तदान कर सकते हैं. लेकिन किसी और का ब्लड खुद नहीं ले सकते हैं |

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2.ऐसे लोग जिन्हें सोने की जरूरत नहीं पड़ती

रात में नींद ना आना, सोते समय बहुत देर से नींद लगने की प्रॉब्लम आजकल बहुत कॉमन हो चुकी है. ऐसे में कैसा हो अगर आपको सोने की जरूरत ही ना पड़े? कुछ बहुत ही फेमस पर्सनालिटीस जैसे कि शाहरुख खान ,निकोला टेस्ला और विंस्टन चर्चिल में एक तरह की प्रॉब्लम थी जिसके चलते वह ज्यादा देर तक सो नहीं पाते थे और बावजूद इसके दूसरे लोगों के मुकाबले ज्यादा अच्छा काम भी कर पाते थे | जिन लोगों में इस तरीके की म्यूटेशन होती हैं वे केवल कुछ घंटों में ही अपनी नींद पूरी कर लेते हैं और सोने में कम समय बिताने की वजह से उन्हें काम के लिए ज्यादा  समय मिल जाता है यानी कि जितने समय में लोग आराम करते हैं इतने समय में इनका दिमाग नींद पूरी करके reboot हो जाता है | इस तरीके के प्रॉब्लम को DEC 2 म्यूटेशन कहा जाता है और जिस किसी में भी है म्यूटेशन होते हैं उन लोगों को कम समय में ज्यादा काम करने की खूबी जन्म से ही मिल जाती है | आश्चर्य की बात तो यह है कि इतनी कम मात्र 2 या 3 घंटे की नींद लेने के बावजूद भी इनका दिमाग़ दूसरे लोगों की मुकाबले ज्यादा एक्टिव रहता है. इस तरह के दिमाग वाले लोग अगर कुछ दिनों तक बिना सोए जागते रहें तो भी यह प्रॉपर्ली काम करने में सक्षम रहते हैं | ऐसे लोगों को  ‘familial natural short sleepers’ कहते हैं यानी कि इन्हें FNSS कहा जाता है ऐसे लोगों के लिए यह एक तरह का वरदान है |

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3.अलग रंग की आंखें

दोनों आंखों में अलग-अलग रंग होने कि इस कंडीशन को “Chimerism” कहते हैं | यह एक बहुत ही दुर्लभ कंडीशन है जो कि पूरी दुनिया में केवल 5% लोगों को ही होती है. दोनों आंखों का कलर अलग अलग होना यह देखने में किसी बीमारी की तरह लगता है लेकिन यह कोई बीमारी नहीं है . आमतौर पर किसी व्यक्ति का एक DNA होता है लेकिन साइंटिस्ट ने जब इस तरीके की कंडीशन पर रिसर्च की तो उन्होंने यह देखा कि जिन लोगों  कि आंखों का कलर अलग – अलग होता है उन लोगों के शरीर में दो अलग-अलग डीएनए होते हैं. जोकि अपने आप में आश्चर्यचकित कर देने वाली बात है. किसी व्यक्ति के शरीर में दो डीएनए की संभावना तब होती है जब कोई महिला दो अलग अलग मर्दों के साथ शारीरिक संबंध बनाती है और होने वाले बच्चे की बॉडी के फीचर्स दोनों पुरुषों के शुक्राणुओं से प्रभावित होते हैं |

4.कोलेस्ट्रॉल शरीर में ना बनना

पूरी दुनिया में कुछ बहुत ही लकी लोग हैं जिनके शरीर में यह दुर्लभ कंडीशन पाई जाती है लकी इसलिए क्योंकि इससे लोगों को हार्ट प्रॉब्लम अपने पूरे जीवन में कभी भी नहीं होती. इसके पीछे का जो मुख्य कारण है वह शरीर में  पाया जाने वाला PCSK9 Gene नामक Gene | यह जीन हर व्यक्ति के शरीर में पाया जाता है | इस जीन का काम शरीर में कोलेस्ट्रॉल और फैटी एसिड मेटाबॉलिज्म को मेंटेन करने का होता है | सरल भाषा में अगर समझा जाए तो PCSK9 gene  की वजह से ही सही में कोलेस्ट्रोल का निर्माण होता है. जिन लोगों में जिन की कमी होती है उन लोगों के शरीर में विशेषकर LDL यानी Low Density Lipoprotein कम पाया जाता है | यह स्थिति उन्हें बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल से होने वाली बीमारियां जैसे कि तरह तरह की हार्ट प्रॉब्लम और अनेकों दिमागी बीमारियां से पूरी तरह से वंचित कर देती है और साथ ही वे लंबी उम्र तक लगभग 90% बीमारियों से बचे रहते हैं  | शरीर में कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना आज मनुष्य की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है इसलिए कुछ बड़ी बड़ी फार्मा कंपनी इंसान के शरीर में इस जीन को कम या ब्लॉक करने की दवाइयां बनाने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि हर इंसान के शरीर में कोलेस्ट्रॉल बनाने वाले  PCSK9 जीन की मात्रा को घटाया जा सके और हार्ट डिजीज के पेशेंट freely बिना किसी तकलीफ के रह सके  |

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5.बहुत मजबूत और ठोस हड्डियां

आमतौर पर एक व्यक्ति  की Thaise को तोड़ने के लिए 4000 न्यूटन फोर्स लगता है| ‘ एलआरपी 5’  जीन नाम का एक म्यूटेशन है . जो हड्डियों की सहनशक्ति को कई गुना ज्यादा बढ़ा देता है यानी कि जिन लोगों के शरीर में इस  तरीके का म्यूटेशन हो जाए उनकी हड्डियां स्टील की तरह फौलादी हो जाती हैं | ऐसे में बहुत ज्यादा खतरनाक चोट या झटका लग जाने पर भी हड्डियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचता और लंबी उम्र तक हड्डियां मजबूत और स्वस्थ रहते हैं | एलआरपी 5 जीन म्यूटेशन का हड्डियों के साथ हमारी त्वचा पर भी प्रभाव पड़ता है. जिसकी वजह से व्यक्ति की त्वचा दूसरों के मुकाबले ज्यादा देर से बूढ़ी होती है | लेकिन मजबूत हड्डियां होने का एक नुकसान यह भी है की हड्डियों से लचीलापन उम्र के साथ-साथ कम होता जाता है और ऐसा होने पर आगे चलकर जोड़ों में दर्द की समस्या भी शुरू हो जाती है. इस तरह की हड्डियां के साथ जोड़ों में खराबी आने पर जॉइंट रिप्लेसमेंट डॉक्टर्स के लिए असंभव हो जाता है |

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6.ज्यादा Colors देखने की एबिलिटी

एक से ज्यादा कलर्स दिखने वाले इस फीचर् को Tetrachromacy कहा जाता है और यह मर्दों के मुकाबले महिलाओं में ज्यादा पाया जाता है | आमतौर पर हर व्यक्ति की आंखों में तीन कलर cons ही होते हैं जिसकी मदद से एक साधारण लगभग एक मिलियन कलर ही पहचान सकता है. लेकिन Tetrachromacy  यह एक ऐसी कंडीशन है जिसमें तीन के बजाए आंखों में चार कलर cons होते हैं. वह व्यक्ति एक नई बल्कि 100 मिलियन कलर्स को पहचान सकता है . Useually हम जितने Colors देखते हैं हमें ऐसा लगता है कि कलर्स उतने हीं है लेकिन असल में दुनिया में कई ऐसे कलर्स है जो ना कि हम देख पाते हैं और ना ही समझ पाते हैं | इस तरह की खूबी केवल कुछ जानवरों में ही होती है, लेकिन  Tetrachromacy बदौलत एक खूबी इंसानों में भी आ जाती है ऐसा होने पर कलर के अलग-अलग shades और टोन के ज्यादा बारीकी से परखा जा सकता है | उदाहरण के लिए जब हम किसी फूल को देखते हैं तो हमें कुछ चुनिंदा रंग ही नजर आते हैं लेकिन Tetrachromacy वाले व्यक्ति को उस फुल में सारे ओरिजिनल Colors डिटेल में नजर आते हैं | साइंटिस्ट को ऐसे लोगों को ढूंढने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है क्योंकि जिनके पास यह एबिलिटी है उन्हें खुद भी नहीं पता होता कि उन्हें Tetrachromacy है और  वे 100 मिलियन कलर देख सकते हैं |

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इंसानों में स्पेशल एबिलिटी वाले म्यूटेशनस की लिस्ट काफी बड़ी है| जिसमें पानी में सांस लेने, आग पर चलना और बिजली खाकर जिंदा रहने जैसे खूबी वाले लोग भी शामिल हैं | ऐसे कई म्यूटेशनस हैं जिन्हें हम खुद भी आसानी से अपने शरीर में डेवलप कर सकते हैं.  इन सभी चीजों के बारे  मैं आप सभी को अपनी अगली पोस्ट में बताऊंगा|

हमारी आज का आर्टिकल आपको कैसा लगा.. नीचे कमेंट बॉक्स में बताइएगा और क्या आप ऐसे किसी व्यक्ति को जानते हैं जिनमें इस तरह की एबिलिटी हो और अगर हां तो नीचे कमेंट बॉक्स में जरुर बताइएगा… धन्यवाद |

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