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वैज्ञानिकों ने किया खुलासा! इस तरह हुई धरती पर जीवन की शुरुआत

वैज्ञानिकों ने किया खुलासा! इस तरह हुई धरती पर जीवन की शुरुआत

पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत किस तरह हुई यह सवाल इंसानों के लिए सदियों से जिज्ञासा का विषय बना हुआ है। इस सवाल का जवाब जानने के लिए दुनिया का हर वेक्ति उत्सुक रहता है. दुनियाभर के वैज्ञानिकों ने अब तक इस पर विभिन्न शोध व अध्ययन किये है और कई मत भी दिए है. हाल ही में हुवे एक शोध में वैज्ञानिकों के मुताबिक, संभव है कि अंतरिक्ष की धूल के प्रवाह में बह कर धरती पर पहुंचे जैविक कणों से पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत हुई हो. 

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यूके की एडिनबरा यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की टीम इसी नतीजे पर पहुंची है की ब्रह्मांड में मौजूद धूल लगातार पृथ्वी के वायुमंडल में घुसने की कोशिश करती रहती है. वैज्ञानिक इसे लगातार होने वाली बमबारी भी कहते हैं. वैज्ञानिकों को लगता है कि धूल के चलते दूसरे ग्रहों तक भी जीवन पहुंच सकता है. यह रिसर्च एस्ट्रो बॉयोलॉजिकल नामक पत्रिका में छपी है.

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अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि धरती के वायुमंडल पर निरंतर होने वाली अंतरग्रहीय धूल की बारिश से बाहरी दुनिया के सूक्ष्मजीवी यहां आ सकते हैं या धरती के जीव दूसरे ग्रहों में भी पहुंच सकते हैं। इस टीम में शामिल एक भारतीय वैज्ञानिक प्रोफेसर अर्जुन बेरेरा के अनुसार “जिस मात्रा में ब्रह्मांड की धूल टकराती है उससे ऑर्गेनिज्म्स बहुत ही लंबी दूरी तक दूसरे ग्रहों तक यात्रा करने लग सकते हैं. इससे जीवन और ग्रहों के वायुमंडल के जन्म के बारे में दिलचस्प नजरिया पैदा होता है.” इस शोध टीम ने यह भी कहा कि धूल की धारा पृथ्वी के वायुमंडल में मौजूद जैविक कणों से इतनी गति से टकरा सकती है कि उन्हें अंतरिक्ष में भेज सके। इस तरह की घटना से जीवाणु और दूसरी प्रजातियां सौरमंडल में एक ग्रह से दूसरे ग्रह या उससे भी आगे तक पहुंचने का रास्ता बना सकते हैं।

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वैज्ञानिकों की शोध के मुताबिक ब्रह्मांड में मौजूद धूल 70 किलोमीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से पृथ्वी के वायुमंडल में कणों से टकराती है. पृथ्वी से 150 किलोमीटर ऊपर मौजूद वायुमंडल में पार्टिकल गुरुत्व बल के कारण बाहर निकल जाते हैं. लेकिन दूसरी और से होने वाली धूल की बमबारी या बारिस की वजह से वह वापस धरती की तरफ फेक दिये जाते हैं.

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