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अगर 1 भारतीय रुपए $1 के बराबर हो जाए तो क्या होगा

What if 1 Indian rupee is equal to $ 1

हेलो दोस्तों मेरा नाम अनिल पायल है, आपके मन में कभी ना कभी यह सवाल जरूर आया होगा कि अगर भारत के एक रुपए की कीमत $1 के बराबर हो जाए तो क्या होगा? क्या इससे भारत को फायदा होगा या फिर नुकसान होगा| दोस्तों जब भारत आजाद हुआ था तो उस समय एक रुपए की कीमत $1 के बराबर हुआ करती थी लेकिन आजादी के बाद भारत में बहुत सारी योजनाएं शुरू की गई जिनके लिए भारत को विदेशों से बहुत सारा कर्जा लेना पड़ा था| भारत पर विदेशियों का कर्जा बढ़ता चला गया और इस कर्ज को कम करने के लिए भारत को अपने रुपए की कीमत को कम करना पड़ा था| जब भारतीय सरकार ने पहली बार रुपए की कीमत कम की थी तब से लेकर आज तक रुपए की कीमत डॉलर के मुकाबले गिरती जा रही है और आज $1 की कीमत 68.76 हो गई है लेकिन अगर भविष्य में कभी ₹1 की कीमत $1 के बराबर होता है तो इससे भारत को कई सारे फायदे और नुकसान होंगे|

फायदा

अगर रुपए की कीमत डॉलर के बराबर हो गई तो सबसे बड़ा फायदा हमें यह होगा कि इंडिया में मिलने वाला सारा सामान बहुत ही सस्ता हो जाएगा. क्योंकि भारत में ज्यादातर सामान विदेशों से इंपोर्ट किया जाता है. दोस्तों अगर ₹1 एक डॉलर के बराबर हो गया तो भारत की सबसे बड़ी समस्या महंगाई हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी |

फिलहाल भारत में मिलने वाली बड़ी-बड़ी ब्रांडेड चीजें जैसे कि iPhone हमें बहुत ही सस्ते दामों में मिलने लगेगा. आज हमें एक iPhone तकरीबन ₹70000 का मिलता है लेकिन अगर ₹1 के $1 के बराबर हो गया तो यही iPhone हमें ₹700 में मिल जाएगा| इसके अलावा भी बहुत सारी ऐसी ब्रांडेड चीजें जो हम विदेशों से इंपोर्ट करते हैं वह सब बहुत ज्यादा सस्ती हो जाएगी और उन्होंने बहुत ही सस्ते दामों में खरीद सकेंगे.

आपको पता होगा भारत में लगभग पेट्रोल बाहर के देशों से आता है. डॉलर ₹1 के बराबर हो जाता है तो पेट्रोल और डीजल भी हमें बहुत ही सस्ते दामों में मिलने लगेगा और अगर पेट्रोल और डीजल सस्ता हो गया तो ट्रांसपोर्ट में लगने वाला खर्चा भी बहुत कम हो जाएगा ऐसा होने से हमारे देश में किसी भी चीज की कमी नहीं रहेगी. अब हम किसी भी चीज को आराम से खरीद सकेंगे|

नुकसान

Image Copyright : The Guardian

आपको पता होगा हम जिस तरह से बाहर के देशों से कुछ चीजें खरीदते हैं उसी प्रकार से भारत भी विदेशों में बहुत सारी चीजें एक्सपोर्ट करता है या भेजता है| अगर ₹1 $1 के बराबर हो जाएगा तो वही चीजें जो हम बाहर के देशों को बेचते हैं वह उनके लिए बहुत महंगी हो जाएंगी. इसलिए बाहर के देश ज्यादा पैसा देकर हमारे चीजें को कम ही खरीदना पसंद करेंगे| अब वे देश उन देशों से से खरीदेंगे जहां पर उन्हें भारत से कम पैसे में मिल रही हो| इस वजह से भारत का एक्सपोर्ट व्यापार बहुत ही कम हो जाएगा या फिर बंद भी हो सकता है. यदि हम विदेशों से सामान इंपोर्ट नहीं करेंगे तो हम एक्सपोर्ट भी नहीं कर पाएंगे और अगर ऐसा हुआ तो भारत की उन्नति कभी नहीं हो पाएगी. हम एक जगह स्थिर हो जाएंगे जहां आज हम हैं वहीं रह जाएंगे|

आपको पता है आज बहुत सारी विदेशी कंपनियां भारत में अपना पैसा लगा रही हैं. अगर ₹1 $1 के बराबर हो गया तो विदेशी कंपनियां जो हमारे देश में इनवेस्ट करती हैं फिर वह अपना इन्वेस्टमेंट बंद कर देंगे| अब जो विदेशी कंपनियां इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं उनको भारत में सस्ते दामों में लेबर मिल जाती है जो कि ₹1 $1 बराबर होने के बाद नहीं मिलेगी. विदेशी कंपनियां ज्यादातर हमारे देश में आईटी सेक्टर में इन्वेस्ट करती हैं और भारत में 25 परसेंट एंप्लॉयमेंट आईटी सेक्टर से ही है. अगर विदेशी इन्वेस्टमेंट बंद हो गया तो भारत में यह 25 परसेंट लोग बेरोजगार हो जाएंगे|

दोस्तों आज भारतीय इंसान अपना काम अपने हाथों से करना पसंद करता है इसका एक मुख्य कारण है विदेशी मशीनों का महंगा होना. लेकिन अगर ₹1 एक डॉलर के बराबर हो गया तो लोग घर में अपना काम अपने हाथों से करना बंद कर देंगे और मशीनों पर निर्भर हो जाएंगे क्योंकि अब उन्हें विदेशी मशीनें बहुत ही सस्ते दामों में मिलने लगेंगे| आज हम किसी को काम करने के लिए अगर 4000 महीना तनख्वाह देते हैं तो ₹1 1 डॉलर के बराबर होने के बाद वह ₹4000 $4000 में बदल जाएंगे और हमें मात्र 1 या 2000 डॉलर में उस काम को करने वाली मशीन मिल जाएगी| इन सभी कारणों से हमारे देश में बेरोजगारी बहुत ज्यादा बढ़ने लगेगी |

दोस्तों आपको जानकर हैरानी होगी कि सन 1917 में ₹1 13 डॉलर के बराबर हुआ करता था लेकिन जब 1947 में हमारा देश आजाद हुआ तो ₹1 एक डॉलर के बराबर कर दिया गया था| जिस वक्त भारत आजाद हुआ उस टाइम भारत पर कोई भी विदेशी कर्ज नहीं था लेकिन 1951 में जब पहली पंचवर्षीय योजना लागू की गई तो सरकार ने विदेशों से कर्ज लिया और 1948 से 1966 के बीच $1 की कीमत ₹4.66 से हो गई थी और इसी प्रकार धीरे-धीरे रुपए की कीमत कम होते हुए सन 1975 में $1 की कीमत लगभग ₹8 हो गई थी| इसी प्रकार 1985 में 1 डॉलर की कीमत ₹12 के बराबर हो गई थी. सन 1993 में $1 की कीमत ₹31 के आसपास हो गई थी| इसी प्रकार 2000 से 2010 के बीच में 1 डॉलर कीमत 40 से ₹60 के बीच हो गई| उसी प्रकार रुपए की कीमत आज तक गिरती जा रही है आज $1 की कीमत भारत में लगभग ₹68. 70 पैसे है

दोस्तों आपको क्या लगता है क्या एक रूपीए की कीमत एक रुपए के बराबर होनी चाहिए या फिर ₹1 कीमत बहुत सारे डॉलर होनी चाहिए?

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