चाणक्य नीति के दूसरे अध्याय के बारे में जानकर आप हैरान हो जाएंगे!
दोस्तों चाणक्य नीति के दूसरे अध्याय में चाणक्य ने कहा है कि असत्य, किसी भी कार्य मैं झटपट लग जाना, छल करना, मूर्खता, लालच करना, पवित्रता और निर्दयता ये सभी प्रकार के दोष स्त्रियों में स्वभाविक रुप से पाए जाते हैं| भोजन करने योग्य पदार्थ और उससे करने की शक्ति हो, सुंदर स्त्री और रति […]
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