GST Cut on Cars 2025

GST Cut on Cars 2025: घट सकता है कारों पर लगने वाला GST, गाड़ियों की कीमतों पर क्या होगा असर?

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GST Cut on Cars 2025: मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कई श्रेणियों में कम-से-कम 10 प्रतिशत अंक की जीएसटी कटौती पर विचार हो सकता है, जिसमें हाइब्रिड और छोटी कारें भी शामिल हैं। निवेश बाज़ार की चाल और उद्योग रिपोर्टें भी इसी दिशा का संकेत दे रही हैं।

demand to cut gst on scrap from 18 to 5

अभी कारों पर GST क्या है?

बेस GST 28% (लगभग सभी कारों पर), इसके ऊपर इंजन साइज/सेगमेंट के अनुसार Compensation Cess (1% से 22% तक) लगता है।


EVs (इलेक्ट्रिक व्हीकल्स) पर 5% GST और प्रायः कोई सेस नहीं।

खास कैटेगरी (जैसे दिव्यांगजन हेतु अनुकूलित वाहन) पर अलग रियायतें होती हैं।

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क्या बदल सकता है?—“GST Cut on Cars 2025” का प्रस्तावित खाका;

विभिन्न रिपोर्टों के मुताबिक़, केंद्र सरकार GST 2.0 के तहत करीब 175 उत्पादों पर टैक्स में 10 प्रतिशत अंक तक की कटौती पर विचार कर रही है। ऑटोमोबाइल में फ़ोकस छोटी गाड़ियों और विशेष रूप से हाइब्रिड्स पर है—जहां बेस GST को 28% से घटाकर 18% करने की चर्चा है। इससे मारुति सुज़ुकी और टोयोटा जैसे ब्रांडों को बढ़ावा मिल सकता है जो हाइब्रिड पोर्टफ़ोलियो में आक्रामक हैं।

सब-4 मीटर सेगमेंट (पेट्रोल ≤1200cc, डीज़ल ≤1500cc) के लिए कुछ रिपोर्टें यह भी इंगित करती हैं कि 1–3% का छोटा सेस हट सकता है, जिससे प्रभावी टैक्स और कम हो जाएगा। वहीं हाइब्रिड सब-4m मॉडल्स पर लगभग 10 प्रतिशत अंक की सीधी रेट कट दिख सकती है क्योंकि उन पर पहले से सेस नहीं है।

> ध्यान दें: यह परिवर्तन प्रस्तावित हैं और GST Council की आधिकारिक स्वीकृति/अधिसूचना के बाद ही लागू माने जाएंगे।

कीमतों पर संभावित असर: ग्राहक के लिए क्या बदलेगा?

उद्योग विश्लेषण मानता है कि यदि कारों के लिए GST स्लैब 28% → 18% किया गया, तो ऑन-रोड प्राइस में ~6–8% की कमी दिख सकती है (बीमा, RTO, डीलर मार्जिन आदि कारणों से टैक्स कट का पूरा लाभ सीधे 10% के बराबर नहीं बनता)। एंट्री-लेवल PVs (छोटी कारें) और दो-व्हीलर्स में मांग बढ़ने की संभावना सबसे अधिक मानी जा रही है।

छोटी कार/हैचबैक:

6–8% तक ऑन-रोड कीमत नीचे आ सकती है—मिडिल-क्लास खरीदारों के लिए सीधी राहत।

सब-4m कॉम्पैक्ट SUV:

यदि सेस में भी आंशिक कमी होती है तो प्रभावी गिरावट 7–11% के आस-पास तक जा सकती है (रिपोर्टेड रेंज के आधार पर)।

हाइब्रिड कारें:

बेस GST में 10 प्रतिशत अंक कटने से इनकी कीमतें अधिक प्रतिस्पर्धी बनेंगी—हाइब्रिड टेक्नोलॉजी को मांग-पुश मिलेगा।

SUVs/लार्ज कार्स:

भारी सेस के कारण प्रभाव सीमित हो सकता है जब तक सेस-स्ट्रक्चर में भी सुधार न हो; फिर भी 28→18% बेस कट से कुछ कमी दिखेगी।

EVs:

पहले से 5% GST—सीधी कट की गुंजाइश कम; लेकिन हाइब्रिड्स सस्ते होने से EV बनाम हाइब्रिड तुलना में नया संतुलन बन सकता है।


रिटेल सिग्नल:

संभावित कट की अटकलों के चलते अगस्त की बिक्री में सुस्ती नज़र आई—कई उपभोक्ता “वेट-एंड-वॉच” कर रहे हैं। यह दर्शाता है कि टैक्स कट लागू होते ही फ़ेस्टिव डिमांड स्पाइक संभव है।

बाज़ार और अर्थव्यवस्था पर व्यापक प्रभाव;

स्टॉक बाज़ार में GST Council मीटिंग से पहले सकारात्मकता दिखी—निफ्टी/सेंसेक्स में बढ़त और ऑटो सहित अधिकांश सेक्टर हरे निशान में रहे। निवेशक धारणा है कि कंजम्प्शन टैक्स कट त्योहारी सीजन से पहले मांग को सपोर्ट करेगा।

उधर, विश्लेषण यह भी दर्शाता है कि छोटी कारों का सेगमेंट पिछले वर्षों में काफ़ी सिकुड़ा है; टैक्स रेशनलाइज़ेशन इससेगमेंट को पुनर्जीवित कर सकता है।


“अलग-अलग साइटों” की कमेंट्री/कंसेंसस: किसका कहना क्या है?

1. Reuters/Hindustan Times: 175 प्रोडक्ट्स पर कम-से-कम 10 प्रतिशत अंक की कटौती की योजना; छोटी हाइब्रिड कारों का GST 28% → 18% हो सकता है—Maruti/Toyota को फ़ायदा।


2. Economic Times (Policy/Auto): GST 2.0 में पर्सनल-केयर से इलेक्ट्रॉनिक्स व हाइब्रिड कार्स तक कटौती; ऑटो डिमांड के उछाल की संभावना।


3. Autocar India: सब-4m पेट्रोल/डीज़ल पर 28% → 18% और 1–3% सेस हटने की चर्चा—प्राइस कट ~7–11% तक असर दिखा सकता है; हाइब्रिड सब-4m में ~10 प्रतिशत अंक की कमी।


4. ClearTax/Razorpay Learn (Explainers): मौजूदा स्ट्रक्चर—28% GST + सेस (1–22%); EVs पर 5%; प्रस्तावित 18% की दिशा-रेखा का संदर्भ।


5. Mint/GoodReturns: खरीदार Delay कर रहे हैं; 10 प्रतिशत अंक की कटौती से ऑन-रोड कीमत ~6–8% कम—एंट्री-लेवल वाहनों की मांग तेज़।



उपभोक्ताओं के लिए आसान गाइड: क्या करें, कब करें?

अगर नई कार लेनी है: आधिकारिक अधिसूचना तक प्रतीक्षा का लाभ मिल सकता है—खासतौर पर सब-4m और हाइब्रिड सेगमेंट में।

बुकिंग/डिलीवरी टाइमिंग: फेस्टिव सीज़न (दुर्गा/दशहरा–दीवाली) में सप्लाई–डिमांड गैप से वेटिंग पीरियड बढ़ सकता है; जल्दी टोकन बुकिंग पर प्राइस प्रोटेक्शन की लिखित शर्त मांगें। (सामान्य बाज़ार प्रथा—नीति लागू होने पर डीलरों की पॉलिसी अलग-अलग हो सकती है।)

वैरिएंट/पावरट्रेन चुनाव: यदि प्रस्तावित संरचना लागू होती है, हाइब्रिड की कुल लागत-स्वामित्व (TCO) ICE के और करीब आ सकती है—लंबी अवधि की ईंधन बचत जोड़कर देखें।

EV बनाम हाइब्रिड: EV का 5% GST बरक़रार है; चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर/रेंज ज़रूरतों के हिसाब से तुलना करें। हाइब्रिड की अग्रिम कीमत घटे तो शहरी–हाईवे मिक्स उपयोगकर्ताओं के लिए यह नया sweet-spot बन सकता है।

ऑटो इंडस्ट्री के लिए अर्थ;

डिमांड रिकवरी: एंट्री-लेवल PVs की प्राइस इलास्टिसिटी अधिक है—कर कटौती मांग को तेज़ कर सकती है और पिछले वर्षों की सेगमेंट-डिक्लाइन को आंशिक रिवर्स कर सकती है।

प्रोडक्ट मिक्स: कंपनियाँ हाइब्रिड लाइनअप बढ़ा सकती हैं; सप्लाई चेन (बैटरी/मोटर–जनरेटर यूनिट) में लोकलाइज़ेशन के प्रोत्साहन बढ़ेंगे।

एक्सपोर्ट्स और ट्रेड डायनेमिक्स: वैश्विक टैरिफ अनिश्चितताओं के बीच घरेलू मांग का सपोर्ट कंपनियों के ऑर्डर–बुक को बैलेंस कर सकता है।

सेगमेंट-वाइज़ संभावित असर—एक त्वरित स्नैपशॉट;

एंट्री हैचबैक (सब-4m): सबसे बड़ा लाभ; प्राइस-सेंसिटिव खरीदारों की वापसी संभव।

कॉम्पैक्ट/मिड-SUV: यदि इससे rationalization जुड़ता है तो “value-for-money” बकेट और आकर्षक होगा।

हाइब्रिड्स: upfront cost कम; शहरी ट्रैफ़िक में बेहतर FE, टोटल कॉस्ट ऑफ़ ओनरशिप सुधरेगा।

प्रीमियम SUVs/लार्ज सेडान: असर सीमित/मॉडरेट; सेस उच्च रहने पर कटौती का हिस्सा आंशिक।

EVs: स्थिति status-quo; हाइब्रिड डिस्काउंट के चलते EVs को नयी वैल्यू-प्रस्तुति बनानी होगी (रेंज/फास्ट-चार्जिंग/टोटल पैकेज)।

क्या यह कटौती पक्की है?—रीड द फाइन प्रिंट;

स्टेटस: प्रस्तावित/संभावित—आधिकारिक निर्णय GST Council की बैठक और अधिसूचना के बाद ही लागू।

टाइमिंग: मीडिया में त्योहारी सीज़न से पहले लागू होने के संकेत—पर अंतिम तारीख़ सरकार/काउंसिल की घोषणा पर निर्भर।

पास-थ्रू: कंपनियाँ और डीलर्स कैसे/कितना लाभ पास करती हैं, यह इन्वेंट्री कॉस्ट, पुराने स्टॉक, और कॉमर्शियल पॉलिसी पर निर्भर करेगा—इसीलिए ऑन-रोड कट आमतौर पर 6–8% की रेंज में दिखेगा।

GST Cut on Cars 2025


बॉटम लाइन

“GST Cut on Cars 2025” यदि वैसा ही आता है जैसा प्रमुख रिपोर्टें संकेत देती हैं, तो भारत में एंट्री-लेवल और हाइब्रिड कारों की किफ़ायत में ठोस सुधार होगा। ऑन-रोड ~6–8% की संभावित कमी, फेस्टिव-सीज़न मांग और वेटिंग-लिस्ट में उछाल ला सकती है। उद्योग के लिए यह वॉल्यूम ग्रोथ और प्रोडक्ट-मिक्स शिफ्ट (हाइब्रिड्स की ओर) का ट्रिगर बन सकता है। अंतिम तस्वीर GST Council की अधिसूचनाओं से साफ़ होगी—तब तक खरीदार समझदारी से टाइमिंग और वैरिएंट-चॉइस प्लान करें।




स्रोत/रेफ़रेंस (मुख्य)

Reuters: टैक्स काउंसिल मीटिंग से पहले बाज़ार की रैली; 175 प्रोडक्ट्स पर कटौती की अटकलें।

Hindustan Times: छोटी हाइब्रिड कारों पर 28% → 18% प्रस्ताव।

Economic Times (Policy/Auto): GST 2.0—हाइब्रिड कार्स समेत कई श्रेणियों में 10 प्रतिशत अंक कटौती की योजना; डिमांड बूस्ट।

Autocar India: सब-4m पर 28→18% और सेस हटने की चर्चा; असर का गणित।

ClearTax/Razorpay Learn: मौजूदा GST + सेस स्ट्रक्चर और EV रेट्स।

Mint/GoodReturns: संभावित कट की वजह से खरीदारों का वेट; 10 प्रतिशत अंक कट = ~6–8% ऑन-रोड कमी का अनुमान।

Forbes India (सेगमेंट ट्रेंड): छोटी कारों की बिक्री में वर्षों से गिरावट—कटौती से रिकवरी की उम्मीद।



नोट: ऊपर दिया गया विश्लेषण 2 सितंबर 2025 तक उपलब्ध सूचनाओं पर आधारित है। वास्तविक टैक्स/कीमत प्रभाव सरकारी अधिसूचना के अनुसार ही मान्य होगा।

निष्कर्ष:

बहुसंख्यक प्रमुख स्रोत “28% → 18%” (कम-से-कम कुछ कैटेगरी में) और हाइब्रिड/छोटी कारों पर फोकस की बात करते हैं; ऑन-रोड कीमत में ~6–8% कमी का बेस-केस उभरता है।