Online Gaming Bill 2025

  Online Gaming Bill 2025: रियल-मनी गेम्स पर प्रतिबंध, ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग को मिलेगा बढ़ावा

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Online Gaming Bill 2025: लोकसभा-राज्यसभा दोनों सदनों से पारित होकर अब राष्ट्रपति की मंजूरी का इंतजार कर रहा यह कानून, India’s booming online gaming sector में भारी बदलवा ला सकता है।

Online Gaming Bill 2025 क्या है यह बिल और क्यों लाया गया?

रियल-मनी गेमिंग (जैसे पोकर, रम्मी, फैंटेसी स्पोर्ट्स आदि) को पूरी तरह प्रतिबंधित करता है—चाहे वह कौशल पर आधारित हों या अवसर पर।

Promotion and Regulation of Online Gaming Bill, 2025 का उद्देश्य ऑनलाइन गेमिंग को एक संरचित और सुरक्षित उद्योग के रूप में विकसित करना है।

ई-स्पोर्ट्स, शैक्षिक और सामाजिक गेम्स जैसे सुरक्षित विकल्पों को प्रोत्साहित और नियमित करने का ढांचा तैयार करता है।

एक केंद्रीय ऑनलाइन गेमिंग अथॉरिटी या आयोग की स्थापना करता है जो लाइसेंसिंग, नियम-निर्माण, श्रेणीकरण और शिकायत निवारण का काम करेगा।

सरकार ने यह कानून इसलिए लाया क्योंकि:

रियल-मनी गेम्स से युवाओं में लत, मानसिक तनाव और वित्तीय नुकसान बढ़ रहे थे।

जुए, धोखाधड़ी, आत्महत्या, और मनी लॉन्ड्रिंग-आतंक वित्त पोषण जैसे गंभीर खतरे उभर रहे थे।

 

Online Gaming Bill 2025: कानून की प्रमुख प्रवधान

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श्रेणी विवरण :

प्रतिबंध रियल-मनी गेम्स पर पूर्ण रोक (ऑफ़र, संचालन, प्रचार, वित्तीय लेनदेन)
दंड पहली बार उल्लंघन: 3 साल तक कैद + ₹1 करोड़ जुर्माना; दोहराए जाने पर: 3–5 साल + ₹2 करोड़ जुर्माना; प्रचार पर: 2 साल जेल या ₹50 लाख जुर्माना
नियामक संस्था लाइसेंस, वर्गीकरण, शिकायत निवारण, नीति निर्माण आदि के लिए केंद्रीय प्राधिकरण
ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा प्रशिक्षण, रिसर्च, नीति निर्माण के लिए प्रशिक्षण केंद्र और अनुदान

Online Gaming Bill 2025 उद्योग और बाजार पर प्रभाव :

Nazara Technologies के शेयरों में दो दिनों में लगभग 21–23% की भारी गिरावट आई—पहले दिन लगभग 10% और दूसरे दिन 11% नीचे।

Dream11, MPL, Games24X7 जैसी कंपनियों के भविष्य पर संकट; विदेशी निवेशक चिंतित।

Gaming industry associations ने Home Minister को पत्र लिखा, कहा कि ₹20,000 करोड़ का टैक्स नुकसान हो सकता है और उपयोगकर्ता अवैध प्लेटफॉर्म की तरफ आकर्षित हो सकते हैं।

आलोचना और विरोध

विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि बिल बिना चर्चा पास किया गया, और यह उद्योग को अवैध मार्ग की ओर खींच सकता है।

Congress MP Shashi Tharoor ने कहा कि बैन से लोग अंडरग्राउंड या ऑफशोर प्लेटफॉर्म्स की ओर चले जाएंगे, जब कि सही रेगुलेशन से यह कर राजस्व स्रोत बन सकता था।

Esports Players Welfare Association (EPWA) ने चेतावनी दी कि बैन से हजारों पेशेवर खिलाड़ी, कोच और कंटेंट क्रिएटर्स प्रभावित होंगे।

Online Gaming Bill 2025 क्यों जरूरी था यह बिल?

ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग के कारण युवाओं में लत, आर्थिक नुकसान और मानसिक तनाव बढ़ रहा था। कई मामलों में लोग कर्ज में डूब गए और आत्महत्या जैसी घटनाएं भी सामने आईं। सरकार ने पारदर्शी व सुरक्षित गेमिंग वातावरण सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया।

 

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Online Gaming Bill 2025 आगे का रास्ता :

बिल दोनों सदनों—लोकसभा (20 अगस्त) और राज्यसभा (21 अगस्त)—से पास हो चुका है और अब केवल राष्ट्रपति की मंजूरी का इंतजार है, जिसे एक औपचारिकता माना जा रहा है।

1. सरकारी रिपोर्ट्स का हवाला

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की 2023 रिपोर्ट के अनुसार, भारत में ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री की वार्षिक वृद्धि दर 28-30% तक पहुंच रही है।

हालांकि, नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट बताती है कि 2022 में 500+ ऐसे केस दर्ज हुए, जहां नाबालिगों ने गेमिंग की लत के कारण अपराध किए।

2. मानसिक स्वास्थ्य पर असर

AIIMS की 2024 की स्टडी में पाया गया कि 15-24 वर्ष के युवाओं में से लगभग 32% ऑनलाइन गेमिंग एडिक्शन के लक्षण दिखाते हैं।

WHO ने 2022 में “Gaming Disorder” को मानसिक स्वास्थ्य की गंभीर समस्या के रूप में लिस्ट किया।

3. आर्थिक नुकसान और गवर्नेंस

NITI Aayog की रिपोर्ट (2023) के अनुसार, बिना नियमन के गेमिंग से जुड़े सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म्स पर सालाना ₹15,000 करोड़ से अधिक का अवैध लेन-देन होता है।

इससे सरकार को करोड़ों का टैक्स रेवेन्यू नुकसान और साइबर क्राइम के मामले बढ़ रहे हैं।

4. बिल की ज़रूरत और फायदे

यह बिल न सिर्फ गेमिंग कंपनियों को नियंत्रित करेगा बल्कि यूजर्स के लिए सख्त आयु सीमा, समय सीमा और लेन-देन की लिमिट तय करेगा।

साथ ही, कंटेंट मॉनिटरिंग सेल और रियल-टाइम रिपोर्टिंग सिस्टम के जरिए साइबर फ्रॉड को कम करने में मदद मिलेगी।

Online Gaming Bill 2025 अतिरिक्त जानकारी

कई देशों में पहले से ही ऐसे बिल लागू हैं, जैसे कि साउथ कोरिया का “Gaming Curfew Law”, जो बच्चों के लिए रात में गेम खेलने पर रोक लगाता है।

भारत में भी ऑनलाइन गेमिंग बाजार 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का हो गया है।

विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे बिल से न केवल लत पर नियंत्रण होगा बल्कि गेमिंग उद्योग में सुरक्षित और सकारात्मक विकास भी होगा।

निष्कर्ष :

Online Gaming Bill 2025 ने भारत के फास्ट-ग्रोनिंग ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर में एक बड़ा मोड़ लाया है। इसका मकसद रियल-मनी गेम्स की वजह से होने वाले आर्थिक और मानसिक नुकसान को रोकना, ई-स्पोर्ट्स और सोशल/शैक्षिक गेमिंग को संरक्षित व विकसित करना, और एक राष्ट्रीय, सुरक्षित, और उत्तरदायी गेमिंग ढाँचा तैयार करना है।

हालांकि उद्योग पर इसका प्रभाव गहरा ही रहेगा—जाहिर है, उद्योग stakeholders इसकी न्यायिक समीक्षा पर विचार कर रहे हैं।
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