story of the ballpoint pen

बॉल पेन कब – कैसे और कहा बना ! बॉल पेन के आविष्कार की कहानी

EH Blog Invention

हेल्लो दोस्तों मेरा नाम अनिल पायल है, आज में आपको एक बहुत ही मजेदार आविष्कार के बारे में बताने जा रहा हूँ | इस आविष्कार के बाद दुनियाभर में धूम मच गई थी और इसका इस्तेमाल आज हर कोई कर रहा है तो चलिए जानते हैं की बॉल पेन का आविष्कार कब और किसने किया था और इसके आविष्कार के पीछे क्या कहानी थी |

story of the ballpoint pen
story of the ballpoint pen

बॉल पेन के आविष्कार की कहानी

हंगरी के रहने वाले लेस्लो बीरो पेशे से एक प्रूफ रीडर थे | पांडुलिपिओं की छपाई के बाद उनके पुस्तक आदि रूप में छपने से पहले मात्राओं को सुधारना उनका काम था इस काम को अंजाम देने के लिए उनके पास एक प्राचीन तरह का पेन था जिसे चलाने के लिए उन्हें उसको बार-बार पास में रखी स्याही के दवात में डूबोना पड़ता था | इस तरह के पेन का इस्तेमाल करना उन्हें जरा भी पसंद नहीं था और यह कोई सुविधाजनक काम भी नहीं था इस तरह के पेन के इस्तेमाल के दौरान पन्नो पर स्याही  गिर जाने का डर भी हमेशा बना रहता था |

दुनिया की 7 सबसे खतरनाक और अजीब बंदूकें !

Laszlo Biro
story of the ballpoint pen

अंततः लेस्लो ने एक ऐसे पेन का आविष्कार करने की सोची जिसे बार बार स्याही में डूबाना ना पड़े,अपने इस विचार को उन्होंने अपने लिए एक प्रेरणा का स्रोत बनाया पर उनके दोस्त उनके इस विचार को महज एक बेवकूफी ही मानते थे | लेस्लो ने अपने मित्रों की बातों को महत्व नहीं दिया और वह अपने भाई के साथ अपने सपने को साकार करने में जुट गए उन्होंने अपने भाई के साथ मिलकर अपनी कल्पना के नए पैन के निर्माण के लिए अनेक तरह के जतन किए | अंततः उनके मन में अपनी कल्पना के उस पेन की नोक पर एक छोटी सी धातु की गोली लगाने एवं पेन भरने के लिए गाड़ी स्याही का ख्याल आया लेस्लो के मन में आया यह ख्याल ही आज प्रचलित बॉल पेन के निर्माण की नीव था | यद्यपि लेस्लो का विचार क्रांतिकारी था परंतु फिर भी उसे सुधार के कई चरणों से गुजरते हुए पूरी तरह सफलता प्राप्त करने में कई वर्ष लग गए |

वीडियो एडिटिंग में है जबरदस्त कैरियर बनाने के कई अवसर !

बॉल पेन के प्रचलित होने के कारण

इस तरह के बॉल पेंन का जब प्रथम बार निर्माण हुआ तो इन्हें कोई खास सफलता नहीं मिली | इस तरह के पेन महंगे तो थे साथ ही साथ आम लोगों को भी इन्हें खरीदने में कोई रुचि नहीं थी आश्चर्य की बात यह है कि इन बॉल पेंस को ख्याति दिलाने के पीछे मुख्य हाथ द्वितीय विश्व युद्ध के फाइटर पायलट को जाता है | उस समय फाउंटेन पेंस में हवाई यात्रा के दौरान अधिक ऊंचाई पर स्याही का स्राव होना एक आम बात थी, इसी बात को ध्यान में रखते हुए एयरफोर्स ने अपने हवाई योद्धाओं के लिए सर्वप्रथम इन बॉल पेन का इस्तेमाल किया | अधिक ऊंचाई पर मौजूद अत्यधिक दबाव में भी इन पैंस की स्याही नहीं फैलती थी बस फिर क्या था देखते ही देखते बॉल पैंस आम लोगों में भी धड़ल्ले से प्रचलित हो गए और उसके बाद पूरे विश्व में छा गए | आज हालात यह है कि फाउंटेन पेन मांगने पर भी शायद ही मिले और बॉल पेन जरा मांग कर तो देखिए एक नहीं दो नहीं हजारों आकार एवं प्रकार में प्राप्त हो जाएंगे |

भारत के 9 ऐसे भिखारी जिनके पास है करोड़ों की संपत्ति!

दोस्तों आप बॉल पेन से क्या- क्या करते है? अपने महत्वपूर्ण विचार हमरे साथ कमेंट में शेयर करे ताकि सब लोग एक दुसरे के विचारो को जान सके|

दोस्तों आर्टिकल लिखने के लिए मुझे काफी मेहनत करनी पड़ती है और मेरा काफी समय लग जाता है इसलिए में आपसे एक लाइक और शेयर की उम्मीद करता हूं..

Connect with us on facebook