इन 5 वैज्ञानिक तरीकों से इंसान हो सकता है अमर!
हेल्लो दोस्तों मेरा नाम अनिल पायल है, इस दुनिया में सबसे कड़वा सच है मृत्यु! प्रकृति का नियम है कि जिसका जन्म हुआ है उसका अंत भी निश्चित रूप से होता है | वह अलग बात है कि किसी का अंत जल्दी हो जाता है तो किसी का देर से होता है, बावजूद इसके प्राचीन काल से ही मनुष्य की इच्छा अमर होने की रही है. इस धरती पर मौजूद ज्यादातर लोगों की इच्छा यही होती है कि वह एक लंबी उम्र तक जीवित रहे | आज के दौर में मनुष्य के अमर होने का मात्र एक सहारा है विज्ञान!
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एक रिसर्च के मुताबिक मनुष्य की औसत आयु बढ़ती जा रही है और इसका कारण है कि पिछले कई दशकों से मेडिकल साइंस के क्षेत्र में हो रही तरक्की. अब से करीब 150 साल पहले बीमारियों की वजह से मृत्यु दर अभी के मुकाबले बहुत ज्यादा थी क्योंकि उस दौर में लोग बीमार तो होते थे लेकिन ज्यादातर उनका इलाज संभव नहीं हो पाता था यही कारण था कि उस दौर में कम आयु में ही इंसानों की मृत्यु हो जाती थी | लेकिन आज के दौर में मेडिकल साइंस ने इतनी तरक्की तो कर ही ली है कि लगभग सभी बीमारियों का इलाज संभव हो सके | वर्तमान में हृदय, लीवर, किडनी और फेफड़े जैसे अंगों का प्रत्यारोपण संभव है लेकिन क्या विज्ञान मनुष्य को अमर बना सकता है? कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार मृत्यु एक बीमारी है जिसका इलाज अभी तक विज्ञान के पास नहीं है. लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि भविष्य में मनुष्य की उम्र 800 से 1000 साल तक हो सकती है |
दोस्तों आज मैं आपको उन 5 वैज्ञानिक तरीकों के बारे में बताऊंगा जिनसे इंसानों की उम्र को बढ़ाया जा सकता है| 5 Scientific methods can make humans immortal
Infusing Young Blood To Old
एक एक्सपेरिमेंट में वैज्ञानिकों ने युवा चूहों का खून वृद्ध चूहों पर लगातार चढ़ाया परिणाम स्वरुप वह चूहे पहले से ज्यादा स्वस्थ हो गए हैं, उनका मस्तिष्क, दिल, लीवर और मांसपेशियां आदि पहले से ज्यादा स्वस्थ हो गए और वह चूहे अपनी औसत उम्र से 1 महीने ज्यादा जिन्दा रहे | हालांकि अभी तक इस प्रयोग का मनुष्य पर टेस्ट नहीं किया गया है. इंसानों पर इस प्रयोग का क्या रिएक्शन रहेगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा.
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नैनो टेक्नोलॉजी (Nanotechnology)
कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि अगले 20 सालों में सुपर एडवांस माइक्रोस्कोपिक नैनो बोट्स लाखों की तादात में मनुष्य के शरीर के अंदर रक्त कोशिकाओं की तरह काम करेंगे, लेकिन रक्त कोशिकाओं से भी कई गुना बेहतर तरीके से | यह नैनो बोट्स शरीर में होने वाली सभी प्रकार की बीमारियों और संक्रमण से मुक्त रखेंगे और क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को तुरंत रिपेयर भी कर देंगे | इस टेक्नोलॉजी की मदद से इंसान लंबे समय तक जिंदा रह पाएगा और बुड्ढा भी नहीं होगा |
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ट्रांसजेनिक्स (Transgenics)
प्रकृति में भी अभी भी कुछ ऐसे छोटे-छोटे जीव मौजूद हैं जो हमेशा से अमर हैं. 1880 के दशक में भूमध्यसागरीय समुंदर में जेलीफ़िश की एक ऐसी प्रजाति को खोजा गया जो अमर है. इस प्राणी को केवल मारा जा सकता है लेकिन यह प्राणी कभी भी प्राकृतिक मौत नहीं मरता है | वैज्ञानिकों का मानना है कि जेलीफ़िश की इस प्रजाति का डीएनए अगर इंसान के DNA में मिला दिया जाए तो इंसान कभी भी बुढा नहीं होगा. लेकिन ऐसा करना आसान नहीं होगा |
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कीप ऑन क्लोनिंग (Keep On Cloning)
अभी के समय में मेडिकल साइंस में इतनी तरक्की तो हो ही गई है कि मानव शरीर में मौजूद अंगों का प्रतिरोपण किया जा सके, लेकिन अंगों का प्रतिरोपण करते समय कई बातों का ध्यान रखा जाता है जैसे कि जिससे अंग लिया जाना है उसका ब्लड ग्रुप क्या है? उसकी उम्र क्या है? और उसके शरीर में हुई बीमारियों का इतिहास क्या है, कई बार तो ऐसा होता है कि दूसरे लोगों के शरीर के अंगों को मरीज का शरीर अपनाता नहीं है जिसकी वजह से अंग के अभाव में मनुष्य की मौत हो जाती है | विज्ञान की मदद से क्लोनिंग जैसे तरीके से इस समस्या को दूर किया जा सकता है. वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में मरीज की कोशिकाओं से अंग विकसित करने का तरीका ढूंढ निकाला है | साल 2011 में कैंसर पीड़ित मरीज की श्वास नली उसकी ही कोशिकाओं से प्रयोगशाला में बनाई गई थी और उसको सफलतापूर्वक उस मरीज के शरीर में प्रतिरोपीत भी किया गया था | मरीज की कोशिकाओं से ऐसे अंगों को बनाने का फायदा यह है कि उन अंगों का मरीज की कोशिकाओं से बनने के कारण मरीज का शरीर उन्हें आसानी से अपना लेता है और समय-समय पर अंगों का प्रतिरोपण करने से मनुष्य की उम्र को लंबा किया जा सकता है |
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डिजिटल अमरत्व (Digital Immortality)
यह अभी तक साइंस फिक्शन है, लेकिन अमर होने का बड़ा ही मजेदार तरीका है. विज्ञान अभी ऐसी तकनीक पर काम कर रहा है जिसमें इंसानी दिमाग में मौजूद डाटा को डाउनलोड और अपलोड किया जा सके और दिमाग में मौजूद संपूर्ण डाटा को एक डिवाइस में स्टोर किया जा सके | उसके बाद उस डाटा को किसी रोबोट में अपलोड किया जा सके | अगर साइंस ऐसा कर पाता है तो उस मनुष्य का दिमाग एक रोबोट के अंदर जिंदा रहेगा और वह इंसान खुद के भौतिक शरीर के मर जाने के बावजूद एक रोबोटिक शरीर के साथ जिंदा रहेगा | इस केस में वह कैमरे के द्वारा देख पाएगा और माइक्रोफ़ोन के द्वारा सुन पाएगा. इसके साथ ही स्पीकर के द्वारा बोल भी पाएगा | डिजिटल अमृता पाने के बाद वह इंसान हजारों साल तक जिंदा रह सकता है. वैज्ञानिकों का मानना है कि बढ़ती हुई टेक्नोलॉजी को देखते हुए 2050 तक मानव डिजिटल अमरता प्राप्त कर लेगा |
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दोस्तों आप इस बारे में क्या सोचते हैं… आपको क्या लगता है कि इंसान विज्ञान की मदद से अमर हो पाएगा और अगर ऐसा होता है तो आपको इनमें से कौन सा तरीका सबसे अच्छा लगा ? हमें कमेंट में जरूर बताएं|
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