History of India being called the Gold Wing

भारत को सोने की चिड़िया कहा जाने का इतिहास

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जब हम इंडिया की हिस्ट्री की बात करते हैं तो बात आती है कुछ अंग्रेजो के समय अंग्रेजों के समय की जिसके बारे में लोग थोड़ा ज्यादा जानने की कोशिश करते हैं तो उनको भारत के मुस्लिम शासन तक ही जानकारी मिल पाती है असल में भारत के सच्चे इतिहास को हमारे पुस्तकों से हटा दिया गया  है | किताबों में जो लिखा गया वह सिर्फ और सिर्फ मुस्लिम शासन और अंग्रेजी लुटेरों तक ही सीमित है | भारत के इतिहास की कुछ बातें जो शायद आप नहीं जानते होंगे लेकिन इसको जानना आपके लिए बहुत जरूरी है आज हम जानेंगे भारत को सोने की चिड़िया क्यों कहा जाता था ? और भी कई ऐसी बातें हैं जो साबित करते हैं कि भारत हजारों सालों पहले विश्व गुरु था इंडिया व्यापार में सब देशों से आगे था |  उसका विश्व व्यापार में हिस्सा 33% था अंग्रेजों से पहले जब मुस्लिम आए थे तो भी भारत मसालों का विश्व में सबसे बड़ा निर्यातक हुआ करता था |

दुनिया के कुल उत्पादन का 43 प्रतिशत भारत में पैदा हुआ करता था | और दुनिया की कुल कमाई में भारत का हिस्सा 27% हुआ करता था | यह बात अंग्रेजों को काफी बुरी लगी थी और वह व्यापार करते हुए भारत पर राज करने की नीति अपनाने लगे और भारत के राजाओं   मैं आपसी फूट डालने का कार्य प्रारंभ कर दिया और राजनीति करना शुरु किया | जिसे अंग्रेजों ने धीरे-धीरे अपना वर्चस्व स्थापित कर लिया और कई तरह के टैक्स भारत पर लगाएं जिसमें अंग्रेजों ने सबसे पहला कानून बनाया सेंट्रल एक्साइज एक्ट तय किया गया 350% , मतलब सो रुपए का उत्पादन किया गया तो ₹350 एक्साइज ड्यूटी देना पड़ेगा , फिर अंग्रेजों ने सामान के बेचने पर सेल्स टैक्स लगाया और वह तय किया गया  120 प्रतिशत , मतलब सौ रुपए का माल बेचा गया तो उस पर ₹120 CST दो फिर एक और टैक्स आया इनकम टैक्स और वह था 97 प्रतिशत मतलब सो रुपए कमाया तो 97 रूपया अंग्रेजों को दो इस तरह से अंग्रेजों के आगमन से पहले भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था | यह बात का वह इतिहास है जो लोगों को इसलिए पता नहीं है क्योंकि वह किताबों में है ही नहीं |

भारत पर मुस्लिम आक्रमण का इतिहास बापा रावल के आक्रमणों से मुस्लिम शासक इतने भयभीत हुए कि अगले 300 सालों तक मैं भारत से दूर है लेकिन भारत का सच्चा इतिहास हमको  पढ़ाया ही नहीं जाता है | मुस्लिम लुटेरों को कई भारतीय योद्धाओं ने कई सालों तक लगातार हराया था | महमूद गजनबी ने 1002 से 1017 तक भारत पर कई आक्रमण किए पर हर बार उसे भारत के राजाओं से कड़ा उत्तर मिला था महमूद गजनबी ने सोमनाथ पर भी कई आक्रमण किए थे और इसको 17वे युद्ध में सफलता मिली |  भारतीय राजाओं के निरंतर आक्रमण से वह वापस गजनी लौट गया और अगले100 सालों तक कोई भी मुस्लिम आक्रमणकारी भारत पर आक्रमण नहीं कर पाया था |

आज हम लोग पश्चिम पश्चिम की तरफ देख कर कहते हैं कि वह तो विकसित राष्ट्र है और हम विकासशील फिर हम अतीत के सपनों में खो जाते हैं और खुद को दिलासा देने के लिए कहते हैं कि हम कभी “ विश्व गुरु “ थे |  दुनिया हमें “ सोने की चिड़िया “ कहती थी | हम विकास के नाम पर स्वयं को धोखा दे रहे हैं हमारी सरकारें विदेशी कंपनियों के भरोसे सोच रहे हैं कि देश सुधर जाएगा सेवा क्षेत्र से लेकर उत्पादन क्षेत्र तक विदेशी कंपनियों का बोलबाला बढ़ता जा रहा है चाहे इंश्योरेंस सेक्टर हो या दवा बनाने की कंपनियां हर जगह हम यही सोच रहे हैं कि कोई बाहर  की कंपनी आ जाए और हमारा उद्धार करें परंतु जब तक आप दुनिया भर के चेले बने रहेंगे तब तक विश्व गुरु नहीं बन सकते | सोचने की बात यह है कि पूरी दुनिया में आज भी टैलेंट के मामले में भारत के इंजीनियर और वैज्ञानिक अर्थशास्त्रीय वगैरा भारत के ही छाए हुए हैं अगर वह अमेरिका और ब्रिटेन को विकसित राष्ट्र बना सकते हैं तो हिंदुस्तान को क्यों नहीं बना सकते |

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समस्या यह है कि हम अपने टैलेंट पर भरोसा ही नहीं कर रहे हैं हमें लगने लगा है कि विकास का एक ही रास्ता है जो पश्चिम के देशों में अपनाया है और इसीलिए हम भी आंख बंद कर कर उनका अनुसरण करने लग गए अब तो भारत में विदेशी विश्वविद्यालय भी खुलने वाले हैं हम भूल गए हैं नालंदा और तक्षशिला जैसे विद्यालय ने दुनिया को उस समय ज्ञान दिया किस समय ऑक्सफर्ड और कैंब्रिज के बारे में किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी |  भारत को सोने की चिड़िया इसलिए नहीं कहा जाता था कि हमारे यहां कोई बहुत बड़े-बड़े कारखाने हुआ करते थे कोई Tata या अंबानी की तरह बड़े बड़े उद्योग पति आते थे वास्तव में हमारे यहां घर घर में उद्योग और घर-घर में उद्योगपति हुआ करते थे यानी कि लघु उद्योगों का जोर था | काली मिर्ची गरम मसाले अनेक प्रकार के धातु से बने औजार दुनिया भर में भेजते थे और बदले में वहां से सोना लेकर आते थे इसलिए हमारे यहां का गोल्ड स्टोर  बन गया था | हिंदुस्तान में इतना सोना इकट्ठा हो गया जितना दुनिया के किसी भी देश में नहीं था यही वजह थी कि हमें दुनिया “सोने की चिड़िया” कहने लगी थी और एक खास बात यह थी कि यह सारा सोना किसी एक सरकार के पास नहीं था बल्कि सामान्य रूप से जनता में बटा हुआ था इसके पीछे कारण यह था कि हर घर में उद्योग हुआ करता था और घर-घर में उद्योगपति भारत की सभ्यता कुछ 9000 साल पुराने हैं इतनी पुरानी सभ्यता आज तक अपना वजूद बचाए हुए हैं इसमें जरूर कुछ बात है |

हमारे शास्त्रों से ही विश्व में चलना सीखा है भारत के वैद् हजारों साल पुराने हैं और पूरे विश्व में इन्हीं वेदों का अनुसरण किया है विज्ञान हो या फिर ब्रह्मांड तकनीकी हो या फिर धर्म सभी बातें आपको भारत माता के इतिहास में सबसे पहले मिल जाएंगी | विज्ञान की बात करें तो जहाज जैसी चीजें रामायण और महाभारत में मिलती हैं | परमाणु अस्त्र शस्त्र भी आप को वेदों में मिलते हैं | लेकिन निराशाजनक बात यह है कि किताबों मैं भारत को गरीब और अनपढ़ बताया गया है | भारत का झूठा इतिहास किताबों में लिखा गया है भारत का सच्चा इतिहास चाणक्य मनु और कौटिल्य पर आधारित है यहां सपेरों का इतिहास नहीं बल्कि मंगल सूरज और चांद तारों की हैरान करने वाली रहस्यमई बातें बताई गई हैं | भारत ने जीरो का आविष्कार किया है और सौर ऊर्जा की बातें हजारों साल पहले भारत में बताई गई हैं | असल में अब आवश्यकता यह है कि भारत के सच्चे इतिहास को फिर से एक किया जाए और हमारी आने वाली पीढ़ियों को पढ़ाया जाए ताकि भारत एक बार फिर से विश्व गुरु बन सके |

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