हेल्लो दोस्तों मेरा नाम अनिल पायल है, रोलेक्स एक ऐसा ब्रांड है जो कि अपनी शानदार लग्जरी और महंगी घड़ियों के लिए जानी जाती है | इसी वजह से शुरू से ही यह लोगों के स्टेटस का सिंबल बन चुकी है और जैसे जैसे लोगों के पास पैसे आ रहे हैं इसकी लोकप्रियता भी काफी तेजी से बढ़ती जा रही है| हलांकि इसके महंगे होने की कुछ उचित वजह भी है जैसे कि रोलेक्स की घड़ियां हर परिस्थितियों में चाहे समुद्र के 100 फीट अंदर या फिर एवरेस्ट जैसे ऊंचे पहाड़ों पर भी अपनी सटीक समय दर्शाने के लिए जानी जाती है | दोस्तों घड़ियों में यह एकमात्र ऐसा ब्रांड है जिसे लोग अपने हाथों से असेंबल करते हैं, मतलब की रोलेक्स की हर एक घड़ी हैंडमेड होती है | यही वजह है कि इतनी बड़ी कंपनी हर रोज सिर्फ 2 हजार घड़ियां ही बना पाती है |
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है, AI हमारी जिन्दगी पूरी तरह बदल देगी
Why are rolex watches so expensiveरोलेक्स कंपनी बनने का इतिहास
सबसे पहले हम इस कंपनी के इतिहास को जान लेते हैं जो कि आपको जरूर मोटिवेट करेगी | इस कहानी की शुरुआत होती है 1881 से, जब जर्मनी के एक छोटे से कस्बे में हंस विल्स्दोर्फ़ का जन्म हुआ | 12 साल की उम्र में अपने माता पिता को खोने के बाद वह अनाथ हो गए और कैसे भी करके सरकारी स्कूल से उन्होंने अपने शुरुआती पढ़ाई की | फिर जब वह 19 साल के थे तब पहली बार उन्होंने घड़ियों की दुनिया में कदम रखा| दरअसल पैसों की किल्लत की वजह से हंस विल्स्दोर्फ़ के दोस्त ने उन्हें अपने पिता की एक घड़ी एक्सपोर्ट करने वाली कंपनी में नौकरी दिलवा दी | फिर आगे चलकर 1903 में लंदन की एक घड़ी बनाने वाली कंपनी में काम करते हूए विल्स्दोर्फ़ घड़ी बनाने की बारीकियों को भी सीख चुके थे |
इन 5 जानवरों में पाई जाती है सुपर पॉवर
इस तरह से शुरू हुई रोलेक्स कंपनी
अब बारी थी अपने लिए कुछ बड़ा करने की और इसीलिए उन्होंने अपने साले अल्फ्रेड डेविस की आर्थिक मदद से 1905 में विल्स्दोर्फ़ एंड डेविस कंपनी की शुरुआत की | कंपनी शुरू करने के बाद पहले तो उन्होंने बाहर के देशों से घड़ियों को इंपोर्ट करना शुरू किया लेकिन जैसे-जैसे बिजनेस बढ़ा तो आगे चलकर खुद की घड़ियां बनाने लगे | इसी कंपनी को 1908 में रोलेक्स के नाम के साथ रजिस्टर्ड किया गया साथ ही इसी साल विल्स्दोर्फ़ और डेविस ने स्वीटजरलैंड में भी अपनी कंपनी की ऑफिस खोल ली | हालांकि 1919 में इंग्लैंड सरकार द्वारा बहुत ही ज्यादा टैक्स बढ़ाने की वजह से विल्सडोर्फ को अपना लंदन वाला ऑफिस बंद करना पड़ा लेकिन उन्होंने जिनेवा स्विट्जरलैंड में अपना काम जारी रखा और यहीं पर आज भी रोलेक्स का हैडक्वाटर है| रॉलेक्स ने धीरे-धीरे मार्केट पर अपनी पकड़ बनानी शुरू की और 1926 में विल्सडोर्फ ने रोलेक्स की अपनी पहली वाटरप्रूफ घड़ी बनाई | दरअसल विल्स्दोर्फ़ हमेशा से एक ऐसी घड़ी बनाना चाहते थे जो कि बाहरी फैक्टर से कभी भी अफेक्टेड ना हो |
भारत में रेलवे टिकट कलेक्टर या TC बनना है बहुत आसान ! ये है पूरी प्रोसेस
Why are rolex watches so expensiveरोलेक्स की घड़ी से जुड़ी कुछ खास बातें
आगे भी समय के साथ साथ रोलेक्स की घड़ियों को अपडेट किया गया जैसे कि 1945 में रोलेक्स ने अपनी घड़ियों में पहली बार तारीख दिखाने का फीचर जोड़ दिया और फिर अपनी घड़ियों के बेस्ट क्वालिटी के लिए वह हर घड़ी के साथ कई सारे टेस्ट करवाएं | जैसे कि हाई प्रेशर वॉटर टेस्ट, हाई एल्टीट्यूड टेस्ट और इसी तरह के बहुत सारे टेस्ट और जब इन मानको पर रॉलेक्स की घड़ियां खरी उतरती तो फिर इसे आगे भेजा जाता है | 1953 में माउंट एवरेस्ट को पहली बार फतह करने वाले एडमंड हिलेरी ने रोलेक्स की घड़ी पहन कर माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई कि और इतनी हाय एल्टीट्यूड होने के बावजूद भी इस घड़ी के समय में 1 सेकंड का भी अंतर नहीं आया |
भारत के 5 ऐसे आविष्कार जिन्होंने पूरी दुनिया ही बदल डाली!
Why are rolex watches so expensiveइसी तरह से रोलेक्स की घड़ी को 1960 में भी समुद्र के 100 फीट अंदर पनडुब्बी कि मदद से भेजा गया और वहां पर पानी का इतना प्रेशर होने के बाद भी घड़ी पूरी तरह से सही काम कर रही थी | इन सभी बातों से आप अंदाजा लगा ही सकते हैं कि पहाड़ की ऊंचाई हो या समुद्र की गहराई हर जगह पर रोलेक्स की घड़ियां सटीक काम करती है और यही फीचर्स रोलेक्स की सबसे बड़ी खासियत और ताकत है| रोलेक्स ने पहली बार 2008 में भारत में कदम रखा और यहां के भी पैसे वाले लोगों के लिए यह पहली पसंद है इन घड़ियों का रेंज ₹2 लाख से शुरू होकर करोड़ों तक जाती है, लेकिन जो घड़ियों के शौकीन हैं और जिनके पास पैसे भी पर्याप्त है वह इस ब्रांड की घड़ी को तो खरीदना जरूर ही पसंद करेंगे | 2017 की एक रिपोर्ट के हिसाब से रोलेक्स की ब्रांड वैल्यू लगभग 8 बिलियन डॉलर हैं |
जिगोलो गंदा है पर धंधा है… यहां महिलाएं लगाती हैं मर्दों की बोली!
दोस्तों आप रोसेक्स की धड़ी कब खरीदने वाले है ?
दोस्तों आर्टिकल लिखने के लिए मुझे काफी मेहनत करनी पड़ती है और मेरा काफी समय लग जाता है इसलिए में आपसे एक लाइक और शेयर की उम्मीद करता हूँ… धन्यवाद
Connect With Us on Facebook | Follow us on Instagram