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Hindu Marriage Act ,पत्नी के रहते हुए दूसरी शादी करना कानूनी है या गैर कानूनी!

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हेल्लो दोस्तों मेरा नाम अनिल पायल है, काफी सारे लोग यह सोचते हैं कि वाइफ के रहते हुए दूसरी शादी करना ठीक है या नही| आज हम यही जानेंगे कि wife के रहते हुए दूसरी शादी करना कैसा है क्या यह  क्राईम है और जो दूसरी शादी की गई है उसका क्या स्टेटस रहेगा |

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वाइफ के रहते हुए दूसरी शादी करने के दो पहलू है पहला तो यह कि क्या यह लीगल है या इलीगल और दूसरा यह कि जो शादी की गई है क्या यह वैलिड है या इनवेलिड| पहले हम बात करते हैं इसके लीगल ओर इलीगल होने के बारे में. Hindu marriage act

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अगर कोई पर्सन अपनी वाइफ के रहते हुए दूसरी शादी करता है तो ये इलीगल है| Indian Penal Code Section 494 के तहत यह एक Crime है जिसमें 7 साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है, IPC Section 494 एक बेलेबल और कॉम्प्रोमाइजर ऑफेंस है यानी इसमें बेल हो सकती है साथ ही इसमें कॉम्प्रोमाइज भी हो सकता है| अगर वाइफ अपने Husband से Compromise कर लेती है तो फिर हस्बैंड सजा से बच सकता है लेकिन आईपीसी सेक्शन 494 में एक बात यह भी कहीं गई है कि दूसरी शादी करना तभी क्राइम होगा जबकि पहली शादी वैलिड हो, मतलब की जिस पर्सन ने दूसरी शादी की है उसकी पहली शादी वैलिड होनी चाहिए| तभी दूसरी शादी क्राइम होगी लेकिन अगर कोई ऐसी सिचुएशन आ जाती है कि पहली वाली शादी वैलिड नहीं थी तभी दूसरी शादी करना कोई क्राइम नहीं होगा|

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इसका दूसरा पहलू यह है कि यह जो Marriage की गई है यह वैलिड है या इनवेलिड| इसके लिए हम चलेंगे हिंदू मैरिज एक्ट सेक्शन 5 में, Hindu Marriage Act Section 5 में मैरिज करने की कंडीशन बताई गई है जिसमें एक कंडीशन यह है कि जो 2 पर्सन शादी कर रहे हैं उनमें से किसी का भी कोई जीवित पति या पत्नी नहीं होना चाहिए| तो अब यहां पर जो पर्सन ने शादी की है वह पहली वाइफ के रहते हुए की है तो उसकी मैरिज इनवेलिड होगी. Invalid होने का मतलब यह है कि ऐसा समझा जाएगा जैसे कि कोई शादी हुई ही नहीं| तो इससे जो दूसरी वाइफ है उसका प्रॉपर्टी में भी कोई अधिकार नहीं रहेगा और वो मेंटेनेंस की डिमांड भी नहीं कर सकती क्योंकि वह एक लीगल वाइफ नहीं है| लेकिन इस Invariant marriage से जो बच्चे पैदा होंगे वह बिल्कुल लीगल होंगे उनको पिता का नाम भी दिया जाएगा और फादर की प्रॉपर्टी में उनको पूरा हिस्सा भी दिया जाएगा|

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लेकिन यह कानून मुस्लिम पर्सनल लॉ ( Muslim Personal Law ) की वजह से मुसलमानों पर लागू नहीं होता है. अगर कोई मुस्लिम चाहे तो वह कुछ कंडिशंस के साथ सेकंड मैरिज कर सकता है| तो अब आप समझ गये होगे की कोई पर्सन अपनी वाइफ के रहते हुए दूसरी शादी करता है तो यह एक क्राईम है जिसमें 7 साल तक की सजा हो सकती है| साथ ही जो शादी की गई है वह भी इनवेलिड है मतलब ऐसा माना जाएगा जैसे कि कोई शादी हुई ही नहीं|

क्या आप जानते है IPC की धारा 504 और 506 पर क्या सजा होती है?

दोस्तों आप हिंदू मैरिज एक्ट और मुस्लिम पर्सनल लॉ के बारे में क्या सोचते है? अपने महत्वपूर्ण विचार हमरे साथ कमेंट में शेयर करे ताकि सब लोग एक दुसरे के विचारो को जान सके|

दोस्तों आर्टिकल लिखने के लिए मुझे काफी मेहनत करनी पड़ती है और मेरा काफी समय लग जाता है इसलिए में आपसे एक लाइक और शेयर की उम्मीद करता हूं..

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